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Chankya Niti:पति -पत्नी को नहीं करने चाहिए ये काम, नहीं तो जीवन हो जाएगा बर्बाद

आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में शादीशुदा जीवन को सफल बनाने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखने के लिए कहा है। चाणक्य नीति के अनुसार अगर पति-पत्नी इन बातों का ध्यान नहीं रखते है तो उनका जीवन बर्बाद हो जाएगा। आइये जानते है...
 
पति -पत्नी को नहीं करने चाहिए ये काम, नहीं तो जीवन हो जाएगा बर्बाद

Khelo Haryana, New Delhi Chankya Niti : दुनिया के महानतम दार्शनिक आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति शास्त्र में मनुष्य के जीवन से जुड़ी कई बातों का जिक्र किया है। आज भी उनकी नीति पूरे विश्व में विख्यात है।

उन्होंने चाणक्य नीति में न सिर्फ व्यक्ति को सफलता हासिल करने के तमाम रास्ते बताए हैं, बल्कि इनके माध्यम से समाज का कल्याण भी किया है।

उन्होंने अपने नीतिशास्त्र में निजी जीवन, नौकरी, व्यापार, रिश्तें, मित्रता, शत्रु आदि जीवन के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार साझा किए हैं।

साथ ही आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतिशास्त्र में कुछ स्नान और परिस्थितियों के बारे में बताया है, जहां से व्यक्ति को तुरंत दूर चले जाना चाहिए।

ऐसी जगहों पर रुकने के आपका और आपके परिवार का भविष्य संकट में आ सकता है। चलिए जानते हैं इन स्थानों के बारे में...   

जहां न  रोजगार की कोई संभावना 

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अपने देश को छोड़कर किसी अन्य देश अथवा किसी अन्य स्थान पर व्यक्ति कोई नयी बात, नयी विद्या, रोजगार और नया गुण सिखने के लिए जाता है।

लेकिन जहां इनमें से किसी भी बात की संभावना न हो, ऐसे देश या स्थान पर जाने का कोई औचित्य नहीं। 

जहां आदर-सम्मान न हो

चाणक्य नीति के अनुसार जिस देश में आदर-सम्मान न हो, जहां आजीविका का कोई साधन न हो, जहां कोई बंधु-बांधव, रिश्तेदार भी न हों साथ ही किसी प्रकार की विद्या और गुणों की प्राप्ति की संभावना न हो, ऐसे देश को छोड़ ही देना चाहिए। 

जहां न हो कोई राजा या वैद्य  

आचार्य चाणक्य के अनुसार जहां वेद को जानने वाला ब्राह्मण, धनिक, राजा, नदी और वैद्य न हों, उस स्थान पर मनुष्य को एक दिन भी नहीं रहना चाहिए।

जहां आजीविका का कोई साधन न हो

चाणक्य नीति अनुसार जहां जीवन को चलाने के लिए आजीविका का कोई साधन न हो, व्यापार आदि विकसित न हो, किसी प्रकार के दंड के मिलने का भय न हो,

लोकलाज न हो, व्यक्तियों में शिष्टता, उदारता न हो अर्थात उनमें दान देने की प्रवृत्ति न हो, वहां व्यक्ति को एक पल भी नहीं रुकना चाहिए।