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परीक्षा में आना चाहते है अव्वल, विवादों से रहना चाहते हैं दूर तो ध्यान रखें आचार्य की ये 4 बातें

चाणक्य के अनुसार अच्छी शिक्षा प्राप्त करना विद्यार्थी का एक मात्र लक्ष्य होता है। एक अच्छी शिक्षा विद्यार्थी केवल मेहनत करके ही प्राप्त कर सकता है. जानते हैं चाणक्य के अनुसार परिक्षा के लिए विद्यार्थी को कैसे तैयारी करनी चाहिए.
 
परीक्षा में आना चाहते है अव्वल, विवादों से रहना चाहते हैं दूर तो ध्यान रखें आचार्य की ये 4 बातें

Khelo Haryana, New Delhi: आचार्य चाणक्य के अनुसार विद्यार्थी जीवन बहुत ही महत्वपूर्ण होता है. यही समय आपने वाले भविष्य की नींव रखता है. चाणक्य नीति में छात्रों के लिए कुछ खास गुर बताएं हैं जो परीक्षा में उनके लिए मददगार साबित हुए हैं. जानते हैं चाणक्य के अनुसार परिक्षा के लिए विद्यार्थी को कैसे तैयारी करनी चाहिए.

लक्ष्य पर गंभीरता - चाणक्य कहते हैं कि विद्यार्थी जीवन में एक मात्र लक्ष्य होना चाहिए, अच्छी शिक्षा प्राप्त करना. मेहनत के अतिरिक्त परीक्षा में सफलता को कोई दूसरा मार्ग नहीं होता है. ऐसे में परीक्षा से पहले बाकी चीजों मोबाइल, सोशल मीडिया को दरकिनार कर एकाग्र मन से पढ़ाई करें.

अनुशासन है बहुत जरुरी - अनुशासन ही छात्र की सफलता की पहली सीढ़ी है. अगर आप समय से पढ़ाई, भोजन, सोना-जागना इन चीजों का पालन करेंगे तो किसी भी विषय को याद करने में आसानी होगी. चाणक्य कहते हैं कि परीक्षा से पूर्व जितना हो सके सुबह के समय अध्यन करें, क्योंकि सवेरे दिमाग तरोताजा रहता है और स्मरण शक्ति तेज होती है.

टाइम टेबल - एग्जाम से पहले पढ़ाई के लिए समय प्रबंधन पर जरुर गौर करें. निरंतर पढ़ाई की बजाय थोड़ी देर का ब्रेक लें. एक विषय को याद करने के लिए समय सीमा तय करें, इससे सबजेक्ट पूरा करने में आसानी होगी.

आलस्य है सबसे बड़ा दुश्मन - चाणक्य कहते हैं कि छात्रों के लिए पढ़ाई में मेहनत ही उनका भविष्य संवार सकती है. परीक्षा में आलस्य आपका सबसे बड़ा शत्रु है, किसी चीज को कल पर न टालें, क्योंकि एग्जाम से पूर्व हर दिन, हर पल आपके लिए कीमती है.

सेहत का पूरा खयाल रखें - पौष्टिक आहार ही विद्यार्थी को सेहतमंद रखता है. खासकर जब परीक्षा का समय हो बच्चे संतुलित भोजन ही ग्रहण करें. इससे नींद की समस्या नहीं होगी और स्वास्थ भी बेहतर रहेगा.

दबाव में पढ़ाई है नुकसानदायक - कई बार असफलता का डर बच्चों को तनाव में ला देता है, इस भय से वह पढ़ाई पर फोकस नहीं कर पाते और गलतियां कर बैठते हैं. ऐसे में अभिभावक बच्चों का मनोबल बढ़ाएं उनकी गतिविधियों पर ध्यान दें, उनके लिए सकारात्मक माहौल बनाएं, जिससे वह मानसिक रूप से फ्री होकर अध्ययन कर सकें.