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love affair: 4 साल तक प्रेमी के साथ बनाए संबंध, अब कर दी ये हालत, जानकर कांप उठेंगे आप

इस कहानी में दिल दहला देने वाले खुलासे हुए है। एक महिला चार साल तक अपने पति से दूर रहती है। इसके बाद महिला अन्य मर्द के सा‌थ लिव इन में रहती है। जिसके बाद जो हुआ उसने सबको हैरान कर दिया।

 
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Khelo Hayana, New Delhi गाजियाबाद के तुलसी निकेतन में रहने वाील प्रीति शर्मा की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है। रिश्तों में हमेशा धोखा खाई प्रीति शर्मा कातिल बन गई।

जिसके साथ उसने चार सालों एक कमरा, एक बेड और एहसास को शेयर किया था उसका गला रेत दिया।

सोच कर भी कांप गए ना कि प्यार में डूबी महिला ऐसे कैसे कर सकती हैं। प्रेमिका से कातिल कैसे बनी प्रीति चलिए पूरी कहानी बताते हैं।

बेटे की मौत ने पति-पत्नी को किया अलग

प्रीति के पिछली जिंदगी के बारे में सबसे पहले आपको बताते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो प्रीति शर्मा की शादी दीपक से हुई थी जो ऑटो चलाता था।

जिंदगी खूबसूरत चल रही थी दोनों का एक बेटा भी था। लेकिन कुछ वक्त बाद वो इस दुनिया को अलविदा कह गया।

बेटे के जाने के बाद प्रीति और दीपक में आए दिन लड़ाई होती थी। रोज-रोज के झगड़े से परेशान प्रीति उसको छोड़कर अलग फ्लैट में रहने लगी थी। दोनों के बीच तलाक नहीं हुआ था।

प्रीति और फिरोज के दिल मिले लेकिन...

प्रीति तुलसी निकेतन में सात साल से रह रही थी। कुछ साल पहले उसकी मुलाकात ऑटो से आते वक्त फिरोज से हुई।

दोनों के बीच बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ। फिर वो प्रीति के घर आने लगा। एक दिन ऐसा आया जब दोनों साथ में रहने लगे।

आस-पड़ोस से पहले उसके अच्छे रिश्ते थे, लेकिन फिरोज के आने के बाद से वो लोगों से मिलना कम कर दी।

चार साल तक दोनों साथ रहें। इस दौरान प्रीति बार-बार फिरोज पर शादी का दबाव बनाती थी। लेकिन वो कोई ना कोई बहाना बना देता था।
 
फिरोज का ताना प्रीति को नहीं हुआ बर्दाश्त

प्रीति नोएडा में एक कंपनी में काम करती थी। लेकिन उसकी नौकरी छूट गई थी। वहीं फिरोज दिल्ली में हेयर ड्रेसर की नौकरी करता था।

शनिवार को शादी को लेकर दोनों के बीच खूब झगड़े हुए। फिरोज ने प्रीति को ताना मारा कि  'तुम अपनी पति की नहीं हुई तो मेरी क्‍या होगी।

तू तो चालू औरत है।' प्रीति को ये बेइज्जती बर्दाश्त नहीं हुई और उसने घर में रखे उस्तरे से फिरोज का गला रेत दिया।

इसके बाद रविवार (7 जुलाई ) को दोपहर में दिल्ली के सीलमपुर से एक ट्रॉली बैग खरीदी। फिर उसमें पिरोज का शव रखा।

लाश को ठिकाने लगाने के लिए वो गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर किसी ट्रेन में शव को रखकर उसे ठिकाने लगाने की फिराक में थी। लेकिन वो पुलिस की नजर में आ गई और सलाखों के पीछे पहुंच गई।